जब भी कोई बीमा धारक अपनी पॉलिसी को मेच्योरिटी डेट से पहले बंद करने का निर्णय करता है तो उसे समय बीमा कंपनी द्वारा बीमा धारक को दी जाने वाली कुल राशि को सेरेंडर वैल्यू कहते हैं| पॉलिसी को समय अवधि से पहले बंद करने पर बीमा कंपनी द्वारा सरेंडर शुक्ल काटा जाता है जो सभी उत्पादों के अनुसार अलग-अलग होता है| हालांकि हाल ही में आईआरडीएनए ट्रेडिशनल पॉलिसी सरेंडर करने के नियमों में बदलाव किए हैं जिसमें अब ग्राहक को पहले साल भी सरेंडर करने का ऑप्शन दिया जाएगा और सरेंडर की अधिकतम राशि प्रदान की जाएगी जो कि पहले किसी भी प्रोडक्ट में उपलब्ध नहीं थी साथ ही गारंटीड सेरेंडर वैल्यू का भी प्रावधान किया गया है
पॉलिसी सेरेंडर वैल्यू के प्रकार
पॉलिसी सेरेंडर वैल्यू दो प्रकार की होती है= गारंटीड सिलेंडर वैल्यू और स्पेशल सेरेंडर वैल्यू|
गारंटीड सेरेंडर वैल्यू
यदि पॉलिसी की अवधि 3 साल कंप्लीट हो गई है तो पहले साल का Premium छोड़कर बाकी के प्रीमियम का 30% सेरेंडर वैल्यू दिया जाता है|
स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV)
स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) वह राशि है जो आपको अपनी पॉलिसी जल्दी समाप्त करने पर प्राप्त होती है। IRDAI का कहना है कि SSV कम से कम वह राशि होनी चाहिए जो भुगतान की गई रकम और भविष्य के लाभों की वर्तमान मूल्य के बराबर हो। स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) को समझने के लिए, पहले पैड अप वैल्यू का ज्ञान होना आवश्यक है।
स्पेशल सरेंडर वैल्यू की गणना कैसे की जाती है?
पैड अप वैल्यू:
जब बीमाधारक एक निश्चित अवधि तक प्रीमियम का भुगतान करने के बाद इसे रोक देता है, तब भी बीमा पॉलिसी जारी रहती है, लेकिन यह कम सम एश्योर्ड के साथ होती है। इस सम एश्योर्ड को ही पैड अप वैल्यू कहा जाता है।
पैड अप वैल्यू की गणना:
पैड अप वैल्यू=मूल सम एश्योर्ड×(देय प्रीमियम की संख्या /भुगतान की गई प्रीमियम की संख्या)
जब आप अपनी बीमा पॉलिसी को बंद करते हैं, तो आपको स्पेशल सरेंडर वैल्यू प्राप्त होती है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है:
स्पेशल सरेंडर वैल्यू की गणना:
स्पेशल सरेंडर वैल्यू=(मूल सम एश्योर्ड×(भुगतान की गई प्रीमियम की संख्यादेय प्रीमियम की संख्या)+प्राप्त बोनस)×सरेंडर वैल्यू फैक्टर
उदाहरण: यदि किसी व्यक्ति की बीमा राशि 6,00,000 रुपए है और वह 30,000 रुपए का वार्षिक प्रीमियम 20 वर्षों तक भरने के लिए निर्धारित है, लेकिन वह 4 साल बाद प्रीमियम का भुगतान रोक देता है। अब तक उसे 60,000 रुपए का बोनस प्राप्त हुआ है और सरेंडर वैल्यू फैक्टर 30% है।
तो उसकी स्पेशल सरेंडर वैल्यू होगी:
स्पेशल सरेंडर वैल्यू= स्पेशल सरेंडर वैल्यू=30%×(6,00,000×204+60,000)=54,000 रुपए
प्रीमियम में कमी और बेहतर सरेंडर वैल्यू
- प्रीमियम में कमी और कम कीमत वाली पॉलिसी: इंश्योरेंस कंपनियों ने सुझाव दिया है कि इंश्योरटेक का उपयोग करके ऑपरेशनल लागत को कम किया जा सकता है, जिससे बीमा कंपनियों को बचत होगी। इस बचत को कम प्रीमियम के रूप में ग्राहकों को लाभ पहुंचाने की संभावना है। इसका मतलब है कि भविष्य में बीमा पॉलिसी की कीमतों में कमी आ सकती है और अधिक लोगों को बीमा सुरक्षा मिल सकेगी।
- नई सरेंडर वैल्यू की व्यवस्था: IRDAI ने जीवन बीमा पॉलिसी धारकों के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत, अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन बीमा पॉलिसी को पहले वर्ष के भीतर ही समाप्त करना चाहता है, तो उसे अब एक उचित सरेंडर वैल्यू प्राप्त होगी। पहले, पॉलिसी रद्द करने पर शुरुआती वर्ष में कोई रिफंड नहीं मिलता था, लेकिन अब एक वर्ष का प्रीमियम भरने के बाद भी पॉलिसीधारक को सरेंडर वैल्यू मिलेगी।
- स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV): नई व्यवस्था के तहत, स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) को लागू किया गया है, जो कि मौजूदा सरेंडर वैल्यू के बराबर होगी। इसका मतलब है कि अगर आप पॉलिसी को जल्दी समाप्त करते हैं, तो आपको प्रीमियम का एक हिस्सा वापस मिलेगा। यह बदलाव पॉलिसी धारकों को अधिक राहत प्रदान करेगा, खासकर उन लोगों के लिए जो जल्दी पॉलिसी रद्द करना चाहते हैं।
- नई पॉलिसी विकल्प: IRDAI ने बीमा कंपनियों को नई प्रकार की पॉलिसी बनाने की अनुमति दी है, जिनमें इंडेक्स-लिंक्ड योजनाएं और वेरिएबल एन्युइटी पेलआउट ऑप्शंस शामिल हैं। इससे ग्राहकों को अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी जरूरतों के अनुसार पॉलिसी का चयन कर सकेंगे।
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