1 अक्टूबर से कई नए वित्तीय नियम लागू होने जा रहे हैं। इनमें टैक्स विवाद समाधान योजना, शेयर बायबैक टैक्स, एचडीएफसी बैंक की इंफिनिया क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स पर नियम, छोटी बचत खाते के नियम, और मौजूदा बीमा उत्पादों के लिए संशोधित मानदंड शामिल हैं।
राष्ट्रीय लघु बचत और पीपीएफ खाते के लिए नए नियम:
1 अक्टूबर से राष्ट्रीय लघु बचत (NSS) और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) खातों के लिए नए नियम लागू होंगे। सरकार ने पुराने NSS और सुकन्या समृद्धि खातों के लिए भी बदलाव किए हैं।
एनआरआई और नाबालिगों के लिए पीपीएफ खाते के नियम:
एनआरआई जो बिना अपनी स्थिति का खुलासा किए PPF खाते में निवेश कर रहे हैं, उनके लिए 1 अक्टूबर से ब्याज दर शून्य हो जाएगी। इससे पहले यह डाकघर बचत खाते की ब्याज दर प्राप्त कर रहे थे।
एचडीएफसी इंफिनिया क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट्स पर नए नियम:
एचडीएफसी बैंक ने 1 अक्टूबर से इंफिनिया क्रेडिट कार्डधारकों के लिए रिवॉर्ड पॉइंट्स को भुनाने के नियमों में सख्ती की है। अब इंफिनिया कार्डधारक हर तिमाही में केवल एक Apple उत्पाद के लिए रिवॉर्ड पॉइंट्स भुना सकते हैं। इसके अलावा, तानिष्क वाउचर के लिए रिवॉर्ड पॉइंट्स की सीमा 50,000 पॉइंट्स प्रति तिमाही कर दी गई है।
ऋण ब्याज दरों पर स्पष्टता:
1 अक्टूबर से, रिटेल लोन लेने वालों को लोन की लागत के बारे में अधिक स्पष्टता मिलेगी। बैंक और एनबीएफसी द्वारा ग्राहकों को की-फैक्ट स्टेटमेंट (KFS) जारी किया जाएगा, जिसमें लोन की सभी शर्तें और शुल्क स्पष्ट रूप से बताए जाएंगे।
पुराने बीमा उत्पादों के लिए संशोधित मानदंड:
बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने मौजूदा बीमा उत्पादों को नए उत्पाद नियमों के साथ संशोधित करने की समयसीमा 30 सितंबर तय की थी। इसके तहत प्री-एक्जिस्टिंग डिजीज की प्रतीक्षा अवधि 4 से घटाकर 3 वर्ष कर दी गई है और मोरेटोरियम अवधि 8 से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई है।
एंडोवमेंट पॉलिसीधारकों के लिए बेहतर भुगतान:
आईआरडीएआई ने जीवन बीमा उत्पादों के लिए एक परिपत्र जारी कर कहा कि पॉलिसीधारकों को पहले वर्ष के बाद बाहर निकलने पर भी स्पेशल सरेंडर वैल्यू मिलेगी। इससे पहले, पॉलिसीधारक पूरे प्रीमियम को खो देते थे, लेकिन अब उन्हें आंशिक रिफंड मिलेगा।
म्युचुअल फंड यूनिट्स पर टैक्स में छूट:
बजट 2024-25 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने म्युचुअल फंड या UTI द्वारा यूनिट्स की पुनर्खरीद पर 20% TDS हटाने का प्रस्ताव दिया था, जो 1 अक्टूबर से लागू होगा। यह निवेशकों के लिए टैक्स बोझ को कम करेगा।
डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना 2024:
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने टैक्स विवाद समाधान के लिए डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना 2024 की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर से लागू होगी। इस योजना के तहत नए अपीलकर्ताओं को कम सेटलमेंट राशि का लाभ मिलेगा।
शेयर बायबैक टैक्स संरचना में बदलाव:
1 अक्टूबर से शेयर बायबैक पर नए टैक्स नियम लागू होंगे। अब कंपनियों की बजाय शेयरधारकों पर टैक्स का बोझ आएगा। पहले कंपनियों को 20% टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब बायबैक से होने वाली आय को डिविडेंड के रूप में कर योग्य माना जाएगा।
सेबी द्वारा बोनस इश्यू की प्रक्रिया में तेजी:
1 अक्टूबर के बाद से, किसी भी बोनस इश्यू के शेयर दो दिन के भीतर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे। पहले यह प्रक्रिया लगभग दो सप्ताह लेती थी।