HDFC लाइफ क्लिक 2 प्रोटेक्ट सुपर “पैरेंट सिक्योर ऑप्शन प्लान:-
हम सभी जानते हैं कि हमारे मां-बाप हमारी एजुकेशन व बचपन से लेकर बड़े होने तक सारी जरूर का पूरी तरह से ख्याल रखते हैं| माता-पिता अपने जीवन में बहुत सारी चीजों को कंप्रोमाइज करते हुए वह हमें वह सब कुछ देने की कोशिश करते हैं जो उनके देने की क्षमता से भी बाहर होता है| उनके बुजुर्ग हो जाने पर उनके मन में बहुत सारी महत्वाकांक्षाएं होती हैं जहां पर वह उम्मीद करते हैं कि हम उनकी सेवा करेंगे हम उनका ध्यान रखेंगे लेकिन क्या कभी आपने सोचा है अगर हमें कुछ हो जाए तो हमारी अनुपस्थिति में उनका क्या होगा उनका जीवन यापन कैसे चलेगा, इस तरह की भविष्य में आने वाली अनिश्चितताओं जिनका सामना हमारे मां-बाप दादा-दादी कर सकते हैं या उनको करना पड़ सकता है से सुरक्षा प्रदान करने के लिए Parent Secure Option एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है जहां पर आपकी अब्सेंस में यह प्लान ऑप्शन आपके बुजुर्ग मां-बाप आपके, दादा-दादी को फाइनेंशियल सिक्योरिटी प्रदान करता है और एक रेगुलर इनकम आजीवन देने का वादा करता है यह योजना आर्थिक अनिश्चितताओं और स्वास्थ्य खर्चों के बढ़ते दबाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत आप अपने माता-पिता के लिए जीवनभर की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।आपके माता-पिता या दादा-दादी की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई है। चलिए जानते हैं यह प्लान ऑप्शन कौन लोग ले सकते हैं या यह विकल्प किन लोगों के लिए उपलब्ध है|
पैरेंट सिक्योर ऑप्शन योजना की विशेषताएँ:
- गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी व्यक्तिगत बीमा योजना: यह एक जोखिम कवर प्रदान करने वाली योजना है जो आपके माता-पिता या दादा-दादी के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करती है।
- गारंटीड वार्षिक भुगतान: योजना के तहत, आपके निधन की स्थिति में नामित व्यक्ति को 6-8% की वार्षिक गारंटी भुगतान मिलेगा।
- लचीलापन: आप अपने नामांकित व्यक्ति को किसी भी समय बदल सकते हैं।
- नामांकन विकल्प: आप अपने माता-पिता या दादा-दादी में से किसी एक या दोनों को नामित कर सकते हैं।
- न्यूनतम एंट्री उम्र: 18 वर्ष।
- अधिकतम एंट्री उम्र: 84 वर्ष।
- अधिकतम मैच्योरिटी उम्र: 85 वर्ष।
- नीति अवधि: अधिकतम 85 वर्ष की उम्र तक।
- मूल बीमित राशि: न्यूनतम INR 5,000 से शुरू होती है।
पैरेंट सिक्योर ऑप्शन कैसे काम करता है?
यदि पॉलिसीधारक के निधन के बाद भी माता-पिता जीवित रहते हैं, तो उन्हें बीमित राशि का 6-8% वार्षिक भुगतान मिलता रहेगा, जब तक कि वे जीवित हैं।
- उदाहरण के तौर पर, यदि बीमित राशि 1 करोड़ रुपये है और पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो माता-पिता को वार्षिक 7 लाख रुपये की भुगतान मिलता रहेगा।
- अगर दोनों नामांकित व्यक्ति (माता-पिता/दादा-दादी) की मृत्यु एक साथ हो जाती है, तो शेष राशि कानूनी उत्तराधिकारी को एकमुश्त भुगतान की जाती है।
प्रीमियम भुगतान:
- प्रीमियम राशि नामांकित व्यक्ति की उम्र, बीमित राशि और पॉलिसी अवधि पर निर्भर करती है।
- उदाहरण: एक 35 वर्षीय व्यक्ति, जिसकी बीमित राशि 1 करोड़ रुपये है, उसे प्रति वर्ष 13,717 रुपये का प्रीमियम भुगतान करना होगा। अधिक जानकारी के लिए आप एचडीएफसी लाइफ की वेबसाइट पर विकसित कर सकते हैं
पैरेंट सिक्योर ऑप्शन के तहत निम्नलिखित विवरण दिए गए हैं:
- इस विकल्प का चयन प्रारंभ में करना अनिवार्य है: इस विकल्प के अंतर्गत, पॉलिसीधारक नामांकित व्यक्ति (माता-पिता/दादा-दादी) को मृत्यु लाभ किस्तों के रूप में देने का चयन कर सकता है। यह किस्तें तब तक दी जाएंगी जब तक कम से कम एक नामांकित व्यक्ति (Parents) जीवित है। अधिकतम दो नामांकित व्यक्ति (Parents) हो सकते हैं।
- मृत्यु लाभ का भुगतान: पॉलिसी धारा की मृत्यु हो जाने के बाद पेरेंट्स के लिए एक रेगुलर इनकम स्टार्ट हो जाती है | यह किस्तें बीमित राशि का एक पूर्व-निर्धारित प्रतिशत होंगी, जिसे कंपनी द्वारा पहले से तय किया जाएगा।
- चयन के नियम:
- पैरंट सीकर ऑप्शन को पॉलिसी लेते वक्त ही चुना जा सकता है।
- एक बार चुने जाने के बाद इसे छोड़ा नहीं जा सकता।
- यह विकल्प केवल “Life Option” के तहत ही उपलब्ध है।
- नामांकित व्यक्ति पॉलिसीधारक के माता-पिता या दादा-दादी हो सकते हैं।
- नामांकित व्यक्ति की उम्र 50 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। यदि दो नामांकित व्यक्ति हैं, तो सबसे छोटे नामांकित व्यक्ति की उम्र का ध्यान रखा जाएगा।
- पॉलिसी की अवधि 15 से 40 वर्षों के बीच होनी चाहिए।
- इस विकल्प को तब चुना जा सकता है जब “मृत्यु लाभ को किस्तों में” का विकल्प नहीं चुना गया हो।
- “Spouse Cover Option” और “Life Stage Option” के तहत इस विकल्प का चयन नहीं किया जा सकता।
- नामांकित व्यक्ति (Parent) की मृत्यु: यदि नामांकित व्यक्ति की मृत्यु पॉलिसीधारक से पहले होती है और पॉलिसीधारक की मृत्यु पॉलिसी अवधि के दौरान हो जाती है, तो मृत्यु लाभ का एकमुश्त भुगतान कानूनी उत्तराधिकारी को किया जाएगा।
- रेगुलर इनकम किस्तों का भुगतान: किस्तों का भुगतान मासिक या वार्षिक आधार पर अग्रिम में किया जाएगा, जो पॉलिसीधारक द्वारा चयनित होगा। किस्तों की राशि नामांकित व्यक्ति की उम्र, मूल बीमित राशि और चयनित नामांकित व्यक्तियों की संख्या पर आधारित होगी।
- रेगुलर इनकम किस्तों का निराकरण नहीं: किसी भी समय किस्तों के भुगतान चरण के दौरान, नामांकित व्यक्ति किस्तों को एकमुश्त राशि में बदलने का अधिकार नहीं रखता।
- अतिरिक्त प्रीमियम: इस विकल्प के लिए कोई अतिरिक्त प्रीमियम देय नहीं होगा।
यह विकल्प माता-पिता या दादा-दादी की आर्थिक सुरक्षा के लिए एक संरक्षित तरीका प्रदान करता है, जो पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद भी जारी रहता है।