बीमा प्रीमियम पर जीएसटी क्या है?  वह GST कब से लागू हुआ?

What is GST on insurance premium

Table of Contents

बीमा प्रीमियम पर जीएसटी क्या है?  वह GST कब से लागू हुआ?

1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया गया, जिसमें हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को भी शामिल किया गया। पहले अलग-अलग कर लगाए जाते थे, लेकिन अब एक ही कर (GST) के अंतर्गत सब कुछ आ गया है। जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जो सरकार द्वारा घरेलू उत्पादों, कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रियल एस्टेट, और सेवाओं पर लगाया जाता है।

क्या था GST से पहले लाइफ इंश्योरेंस हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स का प्रावधान?

इंश्योरेंस पर पहले 15% टैक्स लगता था लेकिन 1 जुलाई 2017 के बाद से जीएसटी लागू होने पर यह टेक टैक्स 18% हो गया जो की 3% अधिक है| फिलहाल लाइफ इंश्योरेंस में हेल्थ इंश्योरेंस पर लगाए जाने वाला गुड एंड सर्विस टैक्स  (GST)18% है|

टेबल -जीएसटी रेट

Product TypeApplicable OnGST (July 1, 2017 Onwards)
Term PolicyPremium payable18%
ULIP PolicyAll applicable charges18%
RidersPremium Payable i.e. Accidental Death Benefit Rider18%
Health Insurance PolicyPremium Payable18%
Endowment Policy (First Premium)First Premium4.50%
Endowment Policy (Regular Premium)Premium Payable i.e. Regular Premium2.25%
Single Premium Annuity PolicyPremium Payable1.80%

क्या इंश्योरेंस पर GST तर्कसंगत है?

विश्व स्तर पर इंश्योरेंस बिजनेस में भारत का स्थान दसवें नंबर पर आता है जबकि भारत में सिर्फ 4% लोग इंश्योर्ड हैं यानी के 96% लोग अभी भी लाइफ इंश्योरेंस के दायरे से बाहर हैं| हालांकि कोरोना के बाद भारत में लाइफ इंश्योरेंस पेनिट्रेशन काफी बड़ा है जो की 2021 में 1.78 परसेंट से बढ़कर 1.85% हो गया| हालांकि इंश्योरेंस प्रीमियम में भी इस साल 13.46% की बढ़ोतरी देखी गई| जैसा कि हम सभी जानते हैं कोई भी व्यक्ति लाइफ इंश्योरेंस या मेडिकल इंश्योरेंस अपने भविष्य में आने वाली अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए लेता है ताकि भविष्य में आने वाली फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स से वह या उसका परिवार सामना कर सके और अपनी जीवन को आसान बना सके, तो इसे मध्य नजर रखते हुए सरकार लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी को लेकर चर्चा कर रही है शायद इस पर जल्दी ही कुछ निर्णय आ जाएगा|

टर्म और मेडिकल इंश्योरेंस के मामले में, जीएसटी का प्रीमियम की कुल राशि पर प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका प्रीमियम ₹10,000 है, तो इस पर 18% जीएसटी लगेगा, जिससे आपकी कुल देय राशि ₹11,800 हो जाएगी। इसी प्रकार, यदि आप यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIP) लेते हैं, तो इस पर भी सभी लागू होने वाले चार्जेस पर 18% जीएसटी लागू होता है, जिससे प्रीमियम की लागत बढ़ जाती है।

जीएसटी का असर पॉलिसीधारकों पर पड़ता है क्योंकि इससे उनका कुल प्रीमियम भुगतान बढ़ जाता है, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर दबाव डाल सकता है। इस कारण, हाल ही में नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीवन और मेडिकल इंश्योरेंस पर से जीएसटी हटाने की अपील की है ताकि इस अतिरिक्त खर्च को कम किया जा सके।

अलग-अलग पॉलिसियों पर जीएसटी का प्रभाव

टर्म इंश्योरेंस प्लान

टर्म इंश्योरेंस प्लान, लाइफ इंश्योरेंस के सबसे किफायती और लोकप्रिय विकल्पों में से एक है। यह प्लान केवल डेथ बेनिफिट प्रदान करता है और इसमें मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं होता। यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु पॉलिसी अवधि के दौरान होती है, तो नामित व्यक्ति को सम एश्योर्ड की राशि दी जाती है। टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% की स्टैंडर्ड जीएसटी दर लागू होती है।

एंडॉवमेंट प्लान

एंडॉवमेंट प्लान एक विशेष प्रकार की पॉलिसी है, जो डेथ और मैच्योरिटी दोनों लाभ प्रदान करती है। पॉलिसीधारक की मृत्यु या पॉलिसी की मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड का भुगतान किया जाता है। इस पॉलिसी के पहले साल के प्रीमियम पर 4.5% जीएसटी लागू होता है, जबकि अगले वर्षों के लिए यह दर घटकर 2.25% हो जाती है।

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

यूलिप पारंपरिक लाइफ इंश्योरेंस से अलग हैं, क्योंकि ये बीमा के साथ-साथ निवेश का भी लाभ देते हैं। यूलिप प्रीमियम पर भी 18% जीएसटी लागू होता है, जिसमें फंड मैनेजमेंट शुल्क और प्रीमियम शामिल हैं। यह प्लान उन लोगों के लिए आदर्श है, जो सुरक्षा के साथ पूंजी वृद्धि की भी तलाश में हैं।

पॉलिसी के अनुसार जीएसटी दरों का तुलनात्मक विश्लेषण

पॉलिसी प्रकारजीएसटी दर
टर्म इंश्योरेंस और यूलिप18%
एंडॉवमेंट प्लान (पहला वर्ष)4.5%
एंडॉवमेंट प्लान (अगले वर्ष)2.25%
सिंगल प्रीमियम एन्युटी प्लान1.8%

क्या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में छूट का दावा कर सकते हैं?

हाँ, सेक्शन 80C के तहत, आप जीएसटी सहित प्रीमियम राशि पर कटौती का दावा कर सकते हैं, बशर्ते कुल राशि ₹1.5 लाख की सीमा के भीतर हो।

जीएसटी और लाइफ इंश्योरेंस का प्रभाव

जीएसटी लागू होने के बाद, पॉलिसी प्रीमियम में वृद्धि देखी गई है। हालांकि, पॉलिसीधारक अब बीमा को केवल टैक्स बचाने के साधन के रूप में नहीं देखते, बल्कि इसे वित्तीय सुरक्षा का एक मजबूत विकल्प मानते हैं।

टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस जैसे कुछ प्रदाता, ग्राहकों को आकर्षक लाभ प्रदान करते हैं। इनके टर्म प्लान में 100 साल तक का कवरेज, डिस्काउंटेड प्रीमियम और 98.53% का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (वित्त वर्ष 2021-22) शामिल हैं। इसके अलावा, इन-बिल्ट पेआउट एक्सेलेरेटर जैसे फीचर और अतिरिक्त राइडर्स पॉलिसी को और भी उपयोगी बनाते हैं, जिससे पॉलिसीधारक के परिवार को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलती है।

इस तरह, अलग-अलग पॉलिसियों पर लागू जीएसटी दरें और उनके लाभ, पॉलिसीधारकों को उनके व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार सही विकल्प चुनने में मदद करते हैं।

हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर राहत: नया फैसला

सरकार ने हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों के लिए राहत देने की घोषणा की है। इसके तहत सीनियर सिटिजंस और अन्य व्यक्तियों के लिए 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस कदम से हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच और अधिक लोगों तक संभव होगी।

5 लाख रुपये तक के कवरेज पर जीएसटी छूट

अब यदि कोई व्यक्ति या परिवार 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेता है, तो उसे जीएसटी के अतिरिक्त बोझ से राहत मिलेगी। यह फैसला खासतौर पर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद है।

5 लाख रुपये से अधिक के कवरेज पर छूट नहीं

यदि कवरेज 5 लाख रुपये से अधिक है, तो प्रीमियम पर 18% की जीएसटी दर लागू रहेगी। उच्च कवरेज वाले पॉलिसीधारकों को इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा।

टर्म और फैमिली फ्लोटर पॉलिसी पर स्थिति अपरिवर्तित

वर्तमान में, टर्म इंश्योरेंस और फैमिली फ्लोटर पॉलिसी के लिए प्रीमियम पर 18% जीएसटी लागू होता है। इस श्रेणी में किसी प्रकार की छूट की घोषणा नहीं की गई है।

 

1 thought on “बीमा प्रीमियम पर जीएसटी क्या है?  वह GST कब से लागू हुआ?”

  1. Pingback: जीएसटी में कटौती: स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम कितनी कटौती?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top