पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए IRDAI के नए दिशानिर्देश: दावे निपटान और सेवा मानकों में बड़ा सुधार
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 2024 में पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है, जिसमें पॉलिसीधारकों के अधिकारों से संबंधित मानदंडों का विवरण दिया गया है। यह नवीनतम सर्कुलर पॉलिसीधारकों के अधिकारों को एक समग्र संदर्भ दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत करता है, जो दावों के निपटान के अनुभव को तेज़, सरल और परेशानी मुक्त बनाने पर जोर देता है, साथ ही बीमा क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए सेवा मानकों में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
IRDAI के नए दिशानिर्देश के मुख्य बिंदुओं पर गौर करते हैं:-
1.आईआरडीए के नोटिफिकेशन के अनुसार, जीवन और जरनल बीमा कंपनियों को बीमा अनुबंध के विभिन्न चरणों में महत्वपूर्ण जानकारी का सारांश प्रदान करना अनिवार्य है।
2. इसमें संभावित ग्राहकों, पॉलिसीधारकों और उपभोक्ताओं को बिक्री से पहले, प्रस्ताव के समय, पॉलिसी दस्तावेज प्राप्त करने के समय, पॉलिसी अवधि के दौरान और दावे के समय सभी बीमा क्षेत्रों के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाना शामिल है।
3. बीमाकर्ताओं को सभी बीमा क्षेत्रों के लिए ग्राहक सूचना पत्र (CIS) प्रदान करना अनिवार्य है, जिसमें पॉलिसी की मुख्य विशेषताएं, लाभ और बहिष्करण शामिल होते हैं। प्रस्ताव पत्र और CIS को ग्राहक के अनुरोध पर क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराना होगा।
4. जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए 30 दिन की फ़्री लुक अवधि लागू होगी, जो कि आज 15 दिन ही दी जाती है, जिसमें पॉलिसीधारक पॉलिसी के नियम और शर्तों की समीक्षा कर सकते हैं। यह बीमा कंपनी के द्वारा किसी भी तरह की धोखाधड़ी के विरुद्ध 30 दिन के अंदर कंपनी को कंप्लेंट कर सकते हैं|
5. जीवन या स्वास्थ्य बीमा प्रस्ताव पत्र (Proposal form) के साथ किसी प्रीमियम जमा राशि का भुगतान अनिवार्य नहीं है, मतलब के बीमा कंपनी पहले Proposal को स्वीकार करेंगे उसके बाद प्रीमियम लेंगे जब तक कि पॉलिसी पर रिस्क कवर तुरंत लागू न हो।
6. बीमा कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर एक सर्च टूल उपलब्ध कराना अनिवार्य है, जिससे उपयोगकर्ता यह सत्यापित कर सकें कि कौन से प्राधिकृत वितरण चैनल उनकी बीमा पॉलिसियों को बेचने के लिए अधिकृत हैं। यह कदम बीमा क्षेत्र में हो रही धोखा गाड़ियों पर आगम कसने में कारगर होगा|
7. सभी बीमा पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में जारी करना आवश्यक है, जिससे ई-बीमा पॉलिसियों को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जा सकता है। यदि ग्राहक चाहें, तो वे बीमा कंपनी से अपनी पॉलिसी का भौतिक प्रारूप में भी अनुरोध कर सकते हैं।
जीवन बीमा पॉलिसी के लिए के लिए आवश्यक दस्तावेज
नए नियम के अनुसार बीमाकर्ता को Proposal form accept के 15 दिन के भीतर जीवन बीमा पॉलिसी जारी करनी होगी|
पॉलिसीधारक को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्राप्त करने होंगे:-
1. पॉलिसी दस्तावेज़ के साथ फ़्री लुक अवधि के बारे में जानकारी देने वाला कवरिंग लेटर
2. पॉलिसी दस्तावेज़
3. ग्राहक द्वारा जमा किया गया प्रस्ताव पत्र की प्रति
4. बेनिफिट इलस्ट्रेशन (BI) की प्रति
5. ग्राहक सूचना पत्र (CIS)
6. आवश्यकता विश्लेषण दस्तावेज़ की प्रति (यदि लागू हो)
7. उत्पाद विशेष के अनुसार अन्य आवश्यक दस्तावेज़
सभी पॉलिसीधारकों के लिए CIS अनिवार्य
CIS एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसे बीमाकर्ता अपने ग्राहक को अनिवार्य रूप से प्रदान करते हैं| CIS पॉलिसी की मुख्य विशेषताओं और पॉलिसी में होने वाले लाभ, कवरेज सभी की जानकारी पूरी तरह से देगा|
CIS दस्तावेज़ में निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:
– बीमा का प्रकार: जैसे कि टर्म लाइफ, होल लाइफ आदि।
– बीमित राशि: दावा होने पर लाभार्थी को भुगतान की जाने वाली राशि।
– लाभ: पॉलिसी द्वारा प्रदान की जाने वाली कवरेज का विस्तृत विवरण।
– बहिष्करण: पॉलिसी में शामिल न किए गए घटनाक्रम या स्थितियों की सूची।
– अन्य महत्वपूर्ण विवरण: फ़्री लुक अवधि, पॉलिसी नवीनीकरण तिथि, पुनर्जीवन विकल्प, और अन्य जानकारी।
– दावे की प्रक्रिया: दावा कैसे दायर करें, इसकी जानकारी।
– ग्राहक सेवा: ग्राहक सहायता और सहायता जानकारी।
– शिकायत निवारण: शिकायत दर्ज करने और बीमा लोकपाल से संपर्क करने की जानकारी।
जीवन बीमा पॉलिसी के दावे निपटान की समय सीमा
IRDAI के अनुसार, जीवन बीमा दावे (जांच की आवश्यकता न होने पर) 15 दिनों के भीतर निपटाए जाने चाहिए। जहां जांच की आवश्यकता होती है, तो इस दशा में क्लेम का निपटान 45 दिन के भीतर किया जाना चाहिए| वही पार्सल विड्रोल या पॉलिसी सरेंडर के ग्राहक के अनुरोधों का निपटान की समय सीमा 7 दिन के भीतर की जानी चाहिए|
IRDAI ने कहा: “यदि दावे का निपटान निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर नहीं किया जाता है, तो दावा करने वाले को बैंक दर +2% की दर से ब्याज मिलेगा। यह ब्याज बीमाकर्ता द्वारा स्वचालित रूप से दावा राशि के साथ भुगतान किया जाएगा।”
स्वास्थ्य बीमा के लिए CIS
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों के लिए भी CIS अनिवार्य है, जिसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल होनी चाहिए:
– बीमा का प्रकार
– बीमित राशि
– कवरेज का सारांश
– बहिष्करण का सारांश
– उप-सीमाएं, कटौती योग्य राशि, प्रतीक्षा अवधि और सह-भुगतान
– फ़्री लुक अवधि, नवीनीकरण, माइग्रेशन, पोर्टेबिलिटी और मोराटोरियम अवधि
स्वास्थ्य बीमा दावा निपटान के नियम
बीमाकर्ताओं को कैशलेस दावा निपटान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया गया है। नई गाइडलाइंस के अनुसार, बीमाकर्ताओं को कैशलेस अनुमति के अनुरोध पर एक घंटे के भीतर निर्णय लेना होगा, और अस्पताल से छुट्टी के लिए अंतिम अनुमति तीन घंटे के भीतर दी जानी चाहिए।
निष्कर्ष
जैसा कि हम सभी जानते हैं IRDA का काम सभी इंश्योरेंस कंपनियों को रेगुलेट करना है| समय-समय पर बीमा कर्तव्य बीमा धारकों की जरूरत और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आईआरडीए नए-नए नियम बनाता रहता है| हाल ही में इंश्योरेंस नियमों में किए गए बदलाव बीमाधारकों के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे और बीमाधारकों और बीमाकर्ताओं मैं परस्पर विश्वास बढ़ेगा|