बीमा लोकपाल क्या है? What is Insurance Ombudsman?
बीमा लोकपाल एक सरकारी अधिकारी होते हैं, जिन्हें भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में, विभिन्न क्षेत्रों में 17 बीमा लोकपाल सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। यदि किसी व्यक्ति को बीमा कंपनी के खिलाफ कोई शिकायत हो, तो वह स्वयं, या उसके कानूनी उत्तराधिकारी, नामित व्यक्ति, या वारिस के माध्यम से बीमा लोकपाल के पास आधिकारिक शिकायत दर्ज करा सकता है।यदि आप बीमा कंपनी द्वारा दिए गए समाधान से संतुष्ट नहीं हैं या आपकी शिकायत का समाधान नहीं हुआ है, तो आप बीमा लोकपाल की सहायता ले सकते हैं।
आप बीमा लोकपाल के पास शिकायत कब और किन परिस्थितियों में करवा सकते हैं:-
कई बार काफी सारे लोग बीमा पॉलिसी खरीदते समय धोखाधड़ी या जालसाजी का शिकार हो जाते हैं या बीमा कंपनी या उसके किसी कर्मचारी के व्यवहार से संतुष्ट हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में आपको क्या कदम उठाने चाहिए और शिकायत कहाँ करनी चाहिए, यह जानने के लिए इस ब्लॉग को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
हर बीमा कंपनी में एक शिकायत निवारण अधिकारी (GRO) आम भाषा में उसे कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव (customer service executive) भी कहते हैं, होता है। पहले आपको अपनी शिकायत उस जीवन बीमा कंपनी के अधिकारी के पास ले जानी चाहिए ताकि कंपनी को आपकी शिकायत की जानकारी हो सके। आप निकटतम बीमा कंपनी की शाखा में जाकर या मेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अधिकतर मामलों में, शिकायत का निपटारा कंपनी के स्तर पर ही हो जाता है। लेकिन अगर आपकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो आपके पास और भी विकल्प होते हैं। यदि वहां से समाधान नहीं मिलता है, तो आप बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर इन दोनों स्थानों से संतोषजनक समाधान नहीं मिलता है, तो आप बीमा लोकपाल के पास अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
बीमा लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए निम्नलिखित स्थितियाँ पूरी होनी चाहिए:
- पहले बीमा कंपनी से शिकायत करें: आपको सबसे पहले अपनी बीमा कंपनी के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए।
- अस्वीकृति या असंतोषजनक समाधान: यदि आपकी शिकायत को बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है या उसका समाधान आपकी संतुष्टि के अनुसार नहीं हुआ है, तो आप बीमा लोकपाल के पास जा सकते हैं।
- बीमा कंपनी की प्रतिक्रिया में देरी: यदि बीमा कंपनी ने आपकी शिकायत पर 30 दिनों से अधिक समय तक कोई जवाब नहीं दिया है, तो आप बीमा लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं।
- व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी और राशि की सीमा: आपकी शिकायत व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी से संबंधित होनी चाहिए, और दावा की गई राशि (जिसमें दावा किए गए व्यय भी शामिल हैं) 30 लख रुपए या उससे कम होना चाहिए|
आप निम्नलिखित मामलों में बीमा लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं:
- दावे का समय पर निपटान नहीं होना: यदि बीमा कंपनी ने IRDAI अधिनियम, 1999 में उल्लिखित निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर आपके दावे का निपटान नहीं किया है।
- दावों का अस्वीकार किया जाना: जीवन, सामान्य, या स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा दावों को पूर्णतः या आंशिक रूप से अस्वीकार कर दिया गया हो।
- प्रीमियम संबंधी विवाद: बीमा पॉलिसी के तहत भुगतान किए गए या देय प्रीमियम को लेकर कोई विवाद हो।
- पॉलिसी के नियमों की गलत प्रस्तुति: पॉलिसी के नियम और शर्तें, दस्तावेज़, या अनुबंध को किसी भी समय गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया हो।
- दावे पर कानूनी विवाद: किसी दावे के संबंध में बीमा पॉलिसियों की कानूनी व्याख्या या निर्माण पर विवाद हो।
- पॉलिसी सेवा संबंधी शिकायतें: बीमा कंपनियों, उनके एजेंटों, और मध्यस्थों के खिलाफ पॉलिसी सेवा से संबंधित कोई शिकायत हो।
- पॉलिसी जारी करने में त्रुटियाँ: जीवन बीमा, सामान्य बीमा, और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ जारी करते समय ऐसी गलतियाँ करना, जो प्रस्तावक द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव से मेल नहीं खाती हैं।
- पॉलिसी जारी करने में देरी: बीमा पॉलिसी जारी करने में असफलता, खासकर जब प्रीमियम प्राप्त कर लिया गया हो, चाहे वह जीवन बीमा हो या सामान्य बीमा (स्वास्थ्य बीमा सहित)।
- विनियमों या पॉलिसी अनुबंध का उल्लंघन: बीमा अधिनियम, 1938, या IRDAI द्वारा जारी किए गए किसी विनियम, परिपत्र, दिशानिर्देश, या पॉलिसी अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन से उत्पन्न किसी भी मामले में, जहां वे उपर्युक्त मुद्दों से संबंधित हैं।
लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करने की समय सीमा क्या है?
बीमा लोकपाल से एक वर्ष के भीतर संपर्क किया जा सकता है यदि:
- बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकृति: आपकी शिकायत को बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया हो।
- शिकायतकर्ता के प्रतिनिधित्व के बारे में: बीमा कंपनी द्वारा प्रतिनिधित्व से संबंधित आपकी शिकायत हो।
- बीमा कंपनी के प्रतिनिधित्व पर अंतिम उत्तर: बीमा कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा अंतिम उत्तर मिलने के बाद आपकी समस्या का समाधान नहीं हुआ हो।
भारत में कितने बीमा लोकपाल केंद्र हैं?
भारत में 17 लोकपाल केंद्र हैं जो दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, गुवाहाटी, हैदराबाद, पुणे, जयपुर, कोच्चि, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, बेंगलुरु, नोएडा, भोपाल और पटना में स्थित हैं।
IRDAI तक मामला कैसे और कब पहुंचाएं (How & when to file a complaint in IRDA)
बीमा कंपनी से शिकायत करने के बाद, आपकी समस्या का समाधान 15 दिनों के भीतर हो जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है या आप उनके समाधान से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप IRDAI के ऑनलाइन पोर्टल https://irdai.gov.in/igms1 IGMS (Integrated Grievance Management System) और बीमा भरोसा का उपयोग करके https://bimabharosa.irdai.gov.in/ या complaints@irdai.gov.in पर ईमेल भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा, आप IRDAI के टोल-फ्री नंबर 1800 4254 732 / 155255 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
आईआरडीए और बीमा कंपनी दोनों से समाधान न मिले तो यहां जाएं:-
यदि IRDAI से भी आपकी समस्या का समाधान नहीं होता है या आप उनके समाधान से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप बीमा लोकपाल से शिकायत करने का अधिकार रखते हैं। देशभर में विभिन्न स्थानों पर कुल 17 बीमा लोकपाल कार्यालय हैं। आप अपने क्षेत्र के बीमा लोकपाल से बीमा कंपनी की शिकायत कर सकते हैं।
बीमा लोकपाल कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करने पर आपको फॉर्म P-II और फॉर्म P-III भरने होंगे। बीमा लोकपाल का कार्यालय कहां स्थित है, इसकी जानकारी आप अपनी बीमा कंपनी की शाखा से या उनकी वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, आप मेल के जरिए भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। मेल के बाद, आपको अपनी शिकायत की हार्ड कॉपी संबंधित दस्तावेजों के साथ लोकपाल कार्यालय में भेजनी होगी।
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