पॉलिसीधारक और बीमाधारक का मतलब?
पॉलिसीधारक वह व्यक्ति होता है जो बीमा पॉलिसी को खरीदता है और प्रीमियम का भुगतान करता है। मतलब के पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान करने वाला व्यक्ति पॉलिसी धारक कहलाता है| बीमाधारक वह व्यक्ति है जिसे बीमा योजना के तहत वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। मतलब कि वह व्यक्ति जिसके नाम पर जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है वह बीमा धारक कहलाता है| पॉलिसीधारक और बीमाधारक एक ही व्यक्ति भी हो सकते हैं या अलग–अलग भी। उदाहरण के लिए, यदि आप अपने परिवार के मुखिया हैं और बीमा का प्रीमियम खुद भुगतान करते हैं, तो आप पॉलिसीधारक होंगे। यदि आप अपनी पत्नी या बच्चों को बीमित व्यक्ति बनाते हैं, तो वे बीमाधारक होंगे। कुछ दशा में पॉलिसी धारक और बीमा धारक दोनों एक ही व्यक्ति भी हो सकते हैं जैसे आपने अपने लिए कोई पॉलिसी खरीदी जिसमें प्रीमियम भी आप खुद ही भुगतान कर रहे हैं तो इस दशा में पॉलिसी धारक व बीमा धारक दोनों आप ही कहलाएंगे|
पॉलिसीधारक क्या है?
पॉलिसी धारक क्या है तो चलिए इसकी परिभाषा को समझते हैं| एक कानूनी समझौते के रूप में, जीवन बीमा पॉलिसी में दो प्रमुख पक्ष होते हैं। बीमा योजना खरीदने वाले व्यक्ति को ‘पॉलिसीधारक’ (Policy Holder) कहा जाता है, जबकि बीमा बेचने और सुरक्षा प्रदान करने वाले पक्ष को ‘बीमाकर्ता’ (Insurers) कहा जाता है। साधारण भाषा में बात करें तो हम कह सकते हैं कि मैं अपने लिए कोई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदता हूं तब मैं पॉलिसी धारक कहलाता हूं और जिस भी कंपनी का इंश्योरेंस पॉलिसी में खरीद रहा हूं वह कंपनी बीमाकर्ता कहलाती है
अधिकतर मामलों में, परिवार का मुखिया ”पॉलिसीधारक‘ (Policy Holder) और बीमित / बीमाधारक (Insured person) दोनों ही होता है, क्योंकि बीमा खरीदना उनके आश्रितों (Depended family persons) के लिए उनकी मृत्यु के मामले में आय प्रतिस्थापन (फाइनेंशियल सिक्योरिटी) प्रदान करता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि पॉलिसीधारक और बीमित (Insured Person) एक ही व्यक्ति हों। पॉलिसीधारक और बीमा धारक दोनों अलग–अलग व्यक्ति भी हो सकते हैं| इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं मान लीजिए कि मैं अपने परिवार में मुखिया हूं और मेरे परिवार के अंदर मेरे बच्चे मेरी धर्मपत्नी और माता-पिता है| हो सकता है मैं बीमा धारक (Insured person) अपनी पत्नी को बना लूं या अपने बच्चों में से किसी को बना लूं और पॉलिसी धारक में बन जाऊं क्योंकि मेरी पत्नी हाउसवाइफ है और उनकी कोई भी इनकम नहीं है तो इस कंडीशन में जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम भुगतान करता और पॉलिसी धारक (Policy Holder or Premium payer) मैं खुद बन सकता हूं और बीमाधारक (Insured person) अपनी धर्मपत्नी या बच्चों में से किसी को भी बन सकता हूं| पॉलिसी धारक परिवार के किसी भी सदस्य को पॉलिसी के अंदर लाभार्थी (नॉमिनी) (Beneficiary or Nominee) बना सकता है| लाभार्थी (नॉमिनी): वह व्यक्ति या संस्था जिसे पॉलिसीधारक द्वारा मृत्यु लाभ प्राप्त करने के लिए नामित किया गया है। यह परिवार का सदस्य, एक ट्रस्ट, या एक चैरिटी हो सकता है।
बीमाधारक (Insured person) या बीमित क्या है?
जीवन बीमा अनुबंध में बीमाधारक (Insured person) एक महत्वपूर्ण पक्ष होता है। पॉलिसीधारक की तरह, बीमित का नाम भी बीमा पॉलिसी में दर्ज होता है। ‘बीमित’ वह व्यक्ति या सदस्य होती है जिसे बीमा योजना में वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। साधारण भाषा में विमित व्यक्ति वह व्यक्ति है जिसे उसे जीवन बीमा पॉलिसी में सुरक्षा प्रदान की जा रही है| भविष्य में किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर पॉलिसी का वित्तीय लाभ पॉलिसी में बनाए गए नॉमिनी को जाएगा और यदि पॉलिसी मैच्योर होती है या मैच्योरिटी से पहले किसी भी कारण बस बैंड की जाती है तब वह लाभ बीमा धारक को मिलेगा|
यदि बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो बीमाकर्ता (Insurance Company) मृत्यु दावा या मृत्यु लाभ के रूप में लाभार्थियों को मुआवजा देने के लिए बाध्य रहता है। ज्यादातर बीमा पॉलिसियों में, बीमित व्यक्ति और नीति धारक एक ही होते हैं, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है। इसलिए, बीमित व्यक्ति और नीति धारक अलग-अलग व्यक्ति भी हो सकते हैं| इसकी व्याख्या हमने अभी ऊपर की है|
पॉलिसीधारक और बीमाधारक (बीमित व्यक्ति) में क्या अंतर है?
चलिए इन दोनों के बीच के अंतर को और गहराई के साथ समझने के लिए कुछ उदाहरण के साथ समझने का प्रयास करते हैं :-
जीवन बीमा पॉलिसी एक कानूनी समझौता है जो एक बीमा कंपनी (बीमाकर्ता) और पॉलिसी के मालिक (पॉलिसीधारक) के बीच होता है। इसके अलावा, इस पॉलिसी में एक अन्य पक्ष भी होता है जिसे ‘बीमाधारक‘ कहा जाता है।
बीमा पॉलिसी में बीमाकर्ता (Insurer) यह वादा करता है कि यदि पॉलिसी की अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो वह नामित (लाभार्थी) को एक निश्चित राशि का भुगतान करेगा। इसलिए, बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले यह समझना आवश्यक है कि नीति धारक (पॉलिसीधारक) और बीमित व्यक्ति (बीमाधारक) कौन होते हैं।
इन शर्तों के बारे में किसी भी भ्रम से बचने के लिए, नीति धारक बनाम बीमित के बारे में पढ़ते रहें।
विचारणीय पहलू:-
पॉलिसीधारक (Policy Holder)
- पॉलिसीधारक या नीति के मालिक वह व्यक्ति होते हैं जो पॉलिसी की योजना बनाते हैं और उसे खरीदते हैं।
- केवल यदि पॉलिसीधारक ही बीमित व्यक्ति है, तो बीमित व्यक्ति (पॉलिसीधारक) की मृत्यु पर लाभार्थी को पूर्ण बीमा राशि प्राप्त होगी।
- पॉलिसीधारक ‘नामित व्यक्ति’ या लाभार्थी को चुनता है।
- आवश्यक दस्तावेज़, जैसे पैन कार्ड आदि, प्रस्तुत करके पॉलिसीधारक के नाम को बदला जा सकता है।
बीमाधारक (Insured Person)
- बीमाधारक वह व्यक्ति होता है जिसे पॉलिसी के अनुसार जोखिमों के खिलाफ जीवन बीमा सुरक्षा प्राप्त होती है।
- बीमाधारक व्यक्ति की मृत्यु पर लाभार्थी को पूर्ण बीमा राशि प्राप्त होती है।
- बीमित व्यक्ति पॉलिसीधारक हो सकता है या पॉलिसीधारक द्वारा तय किया जा सकता है।
- बीमित व्यक्ति का नाम नहीं बदला जा सकता क्योंकि पॉलिसी का प्रीमियम बीमाकर्ता (Insurer) द्वारा बीमित व्यक्ति की आयु, जीवनशैली और चिकित्सा इतिहास जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाता है।
अगर हम हिंदी भाषा की बात करें तो अक्सर लोगों में बीमा धारक और पॉलिसी धारक को लेकर काफी बड़ा कंफ्यूजन रहता है जिसे मैं आज सुलझाने की कोशिश की है| आशा करता हूं कि Blog को पढ़कर आप बहुत हद तक बीमा धारक और पॉलिसीधारक के बीच के अंतर को समझ पाए होंगे ,अधिक जानकारी के लिए आप नजदीकी रजिस्टर्ड बीमा एजेंट से भी संपर्क कर सकते हैं|
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