मृत्यु के बाद बीमा दावे की प्रक्रिया क्या है?

Death Claim
मैं मृत्यु के बाद जीवन बीमा का दावा कैसे करूं? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जो इस दुख की घड़ी में परिवार के सामने खड़ा होता है तो यहां पर मैं आपको मृत्यु के बाद जीवन बीमा दावे की क्या प्रक्रिया है का ज्ञान साझा करने वाला हूं| जीवन बीमा में मृत्यु का दावा पॉलिसीधारक के निधन के बाद बीमा कंपनी को आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने की प्रक्रिया है। इसका मुख्य उद्देश्य पॉलिसीधारक द्वारा चुने गए लाभार्थियों को उनकी मृत्यु के बाद वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस कठिन समय में, मृत्यु के बाद जीवन बीमा दावा करने की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है।

Table of Contents

मृत्यु के बाद जीवन बीमा दावा दायर करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. बीमा कंपनी को सूचित करें (Death Claim Intimation)

लाभार्थियों मतलब के जो भी पॉलिसी में नॉमिनी है का पहला कदम पॉलिसीधारक के निधन की सूचना तुरंत बीमा कंपनी को देना है। बीमाकर्ता आपको आवश्यक प्रक्रियाओं और      दस्तावेज़ों के बारे में मार्गदर्शन करेगा। इसके लिए आपको पॉलिसीधारक का नाम, पॉलिसी नंबर, और मृत्यु की तारीख साझा करनी पड़ सकती है।

2. आवश्यक दस्तावेज़ इकट्ठा करें 

   मृत्यु बीमा दावा बीमा कंपनी को सूचित करने के लिए करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी 
    a) मूल पॉलिसी दस्तावेज़
    b)  मृत्यु प्रमाणपत्र, जिसमें मृत्यु का कारण और तारीख शामिल हो
    c) लाभार्थी का पहचान और पता प्रमाण
    d) नॉमिनी का बैंक अकाउंट डिटेल जिसमें आप उनकी बैंक की पासबुक की कॉपी लगा सकते हैं|

3. मृत्यु बीमा दावा (क्लेम) फॉर्म भरें

 लाभार्थी को कंपनी द्वारा प्रदान किए गए क्लेम फॉर्म को भरना होगा। यह बीमा राशि के लिए औपचारिक अनुरोध के रूप में काम करता है। फॉर्म में पॉलिसीधारक, लाभार्थियों और     मृत्यु से संबंधित जानकारी सही ढंग से भरें ताकि प्रक्रिया में कोई देरी न हो। हालांकि प्राइवेट कंपनियों में क्लेम फॉर्म भरना जरूरी नहीं है आप एक हस्तलिखित इंटीमेशन लेटर  कंपनी को दे सकते हैं, जिसके साथ आपको डेथ सर्टिफिकेट पॉलिसी की कॉपी और नॉमिनी का आईडी प्रूफ एड्रेस प्रूफ लगाना होता है|

4. क्लेम सबमिट करें

 सभी दस्तावेज़ों को इकट्ठा करने और फॉर्म या हस्तलिखित इंटीमेशन लेटर भरने के बाद, उन्हें बीमा कंपनी कि किसी भी नजदीकी ब्रांच में जमा कर सकते हैं| 

5. समीक्षा और सत्यापन

   बीमा कंपनी सबमिट किए गए दस्तावेज़ों की समीक्षा करेगी और उनकी सत्यता की पुष्टि करेगी। यह प्रक्रिया पॉलिसी की वैधता और किसी भी बकाया प्रीमियम या लोन की जांच के लिए भी होती है।

6. पेआउट  

   एक बार आपका क्लेम स्वीकृत हो जाने के बाद, बीमा कंपनी आवश्यक सत्यापन के बाद मृत्यु लाभ का भुगतान नॉमिनी द्वारा दिए गए अकाउंट में करेगी|

तीन वर्षों के भीतर मृत्यु होने पर अतिरिक्त दस्तावेज़

यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु तीन वर्षों के भीतर होती है, तो अतिरिक्त फॉर्म की आवश्यकता होती है:
– क्लेम फॉर्म B: चिकित्सक द्वारा भरा गया प्रमाण पत्र।
– क्लेम फॉर्म B1: यदि पॉलिसीधारक को अस्पताल में उपचार मिला।
– क्लेम फॉर्म B2: चिकित्सक द्वारा भरा गया फॉर्म जो अंतिम बीमारी के दौरान उपचार कर रहा था।
– क्लेम फॉर्म C: पहचान और अंतिम संस्कार का प्रमाण।
– क्लेम फॉर्म E: यदि मृतक काम कर रहा था तो नियोक्ता से प्रमाण पत्र।

जीवन बीमा दावा करने के लिए क्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवश्यकता होती है?

अगर मृत्यु किसी दुर्घटना या अस्वाभाविक कारण से हुई है, तो FIR, पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच रिपोर्ट की कॉपी भी चाहिए होती है।

मृत्यु के बाद एलआईसी (LIC) की प्रक्रिया क्या है? LIC में डेथ क्लेम कैसे करें?

यदि मृत्यु दावा करना है, तो भुगतान तब किया जाता है जब प्रीमियम समय पर चुकाए गए हों या यदि मृत्यु ग्रेस पीरियड के दौरान होती है। इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:
1. क्लेम फॉर्म A: जिसमें मृतक और दावेदार के विवरण होते हैं।
2. मृत्यु प्रमाणपत्र: मृत्यु की पुष्टि करने वाला दस्तावेज़।
3. उम्र का प्रमाण: यदि पहले से सत्यापित नहीं किया गया है।
4. स्वामित्व का प्रमाण: यदि पॉलिसी नामांकित या असाइन नहीं की गई है।
5. मूल पॉलिसी दस्तावेज़: दावे की प्रक्रिया के लिए आवश्यक है।

मृत्यु के कितने समय बाद मैं एलआईसी पॉलिसी का दावा कर सकता हूँ?

पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाने के बाद जल्द से जल्द बीमा में मृत्यु का दवा कर देना उचित होता है लेकिन ऐसी कोई समय सीमा कंपनियों के लिए तय नहीं की गई है की आपको उसे निर्धारित समय में ही मृत्यु दावा देना होगा| आप 30 दिन के अंदर भी मृत्यु दावा दे सकते हैं और 3 साल के बाद भी|

कितनी अवधि तक के मृत्युदावों को शीघ्र मृत्यु दावा यानि की early death claim कहा जाता है?

जीवन बीमा प्रारंभ होने की तिथि से लेकर 2 से 3 साल के बीच में यदि बीमा धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसे शीघ्र मृत्यु दावा कहा जाता है| इस तरह के डेथ क्लेम को कंपनी बारीकी से देखती है जिसमें कुछ अतिरिक्त दस्तावेज भी मांग सकती है|

जीवन बीमा में मृत्यु लाभ का दावा करने के लिए मैं पत्र कैसे लिखूं?

मृत्यु लाभ का दावा करने के लिए पत्र लिखते समय आपको निम्नलिखित विवरण शामिल करने चाहिए:

  1. बीमा कंपनी का नाम और पता
    आप जिस बीमा कंपनी से दावा कर रहे हैं, उसका पूरा नाम और पता लिखें।
  2. पॉलिसी धारक की जानकारी
    पॉलिसी नंबर, पॉलिसी धारक का नाम और अन्य आवश्यक पहचान विवरण जैसे कि बीमा का प्रकार।
  3. दावाकर्ता की जानकारी
    दावा करने वाले व्यक्ति का नाम, पते और संबंध का विवरण (पॉलिसी धारक से संबंध)।
  4. मृत्यु का विवरण
    मृत्यु की तारीख और स्थान का उल्लेख करें, साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र की कॉपी भी संलग्न करें।
  5. दावे का अनुरोध
    मृत्यु लाभ राशि का दावा करने के अनुरोध को स्पष्ट रूप से लिखें।
  6. संलग्न दस्तावेज़ों की सूची
    मृत्यु प्रमाण पत्र, पॉलिसी दस्तावेज़, पहचान पत्र आदि जो आवश्यक हों, उनकी सूची बनाएं और पत्र के साथ संलग्न करें।

मृत्यु दावा पत्र का एक उदाहरण:-

प्रेषक का नाम
प्रेषक का पता
तारीख

प्रबंधक
[बीमा कंपनी का नाम]
कंपनी का पता

विषय: जीवन बीमा पॉलिसी संख्या [पॉलिसी नंबर] के अंतर्गत मृत्यु लाभ का दावा

माननीय महोदय/महोदया,

मैं, [आपका नाम], [पॉलिसी धारक का नाम] का [संबंध], यह पत्र आपको उनके जीवन बीमा पॉलिसी संख्या [पॉलिसी नंबर] के तहत मृत्यु लाभ के दावे के संबंध में लिख रहा हूँ। अत्यंत दुःख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि [पॉलिसी धारक का नाम] का [मृत्यु की तारीख] को [मृत्यु का स्थान] में निधन हो गया।

कृपया मुझे उपरोक्त पॉलिसी के अंतर्गत निर्धारित मृत्यु लाभ प्रदान करने की कृपा करें। मैं इस पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ संलग्न कर रहा हूँ:

  1. मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति
  2. पॉलिसी दस्तावेज़ की प्रति
  3. पहचान पत्र की प्रति
  4. कोई अन्य आवश्यक दस्तावेज़

कृपया इस दावे की प्रक्रिया में सहायता करें और मुझे सूचित करें कि आगे के चरण क्या होंगे।

धन्यवाद,
आपका विश्वासपात्र,
[आपका नाम]
[आपका संपर्क नंबर]
[ईमेल पता]

जीवन बीमा पॉलिसी के मृत्यु दावे निपटान की समय सीमा

IRDAI के अनुसार, जीवन बीमा दावे (जांच की आवश्यकता न होने पर) 15 दिनों के भीतर निपटाए जाने चाहिए। जहां जांच की आवश्यकता होती है, तो इस दशा में क्लेम का निपटान 45 दिन के भीतर किया जाना चाहिए| वही पार्सल विड्रोल या पॉलिसी सरेंडर के ग्राहक के अनुरोधों का निपटान की समय सीमा 7 दिन के भीतर की जानी चाहिए| IRDAI ने कहा: “यदि दावे का निपटान निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर नहीं किया जाता है, तो दावा करने वाले को बैंक दर +2% की दर से ब्याज मिलेगा। यह ब्याज बीमाकर्ता द्वारा स्वचालित रूप से दावा राशि के साथ भुगतान किया जाएगा।

निष्कर्ष

जीवन बीमा में मृत्यु का दावा प्रियजनों के लिए वित्तीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। मृत्यु के बाद जीवन बीमा दावा दायर करने की प्रक्रिया को समझना पॉलिसीधारक और लाभार्थी दोनों के लिए आवश्यक है। जीवन बीमा में मृत्यु का दावा प्रियजनों के लिए अगर आपको किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आप नजदीकी इंश्योरेंस कंपनी की ब्रांच में जा सकते हैं या अपने नजदीकी एजेंट से भी संपर्क कर सकते हैं| आजकल बहुत सारी कंपनियां ऑनलाइन भी डेथ इंटीमेशन स्वीकार कर लेती है आपको उनकी ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त करनी होगी|

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top